कहानी --सबसे ज्यादा प्यार है तुमसे
सुबह हो चुकी थी। खिड़की से धूप मेरे सिर पर पड़ रही थी।
तभी मुझे कुई कुई की आवाज सुनाई दी ।
कोई मेरे मुंह को चाट रहा था।
मैंने बंद आँखों से ही कहा
,, गुड मॉर्निंग.. गुड मॉर्निंग शेरू..। बस 2 मिनट दे दे यार एक्स्ट्रा नींद सो लूं।
पर शेरू यानी मेरा डॉगी मेरा मुंह चाटता रहा।
अंत में वह मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गया ।
मानो वह कुछ याद दिला रहा हो।
ऐसा वह कम ही करता था।
जब वह मुझे जबरदस्ती उठाने की कोशिश करने लगा तब मुझे याद आया कि आज मुझे जल्दी ऑफिस जाना था
आज बॉस ने मुझे अपने पर्सनली बुलाया था ।
मेरे प्रमोशन की बात करने के लिए।
मैं आनन-फानन में अपने चादर उठा कर फेंका और सीधे ब्रश लेकर बाथरूम में घुस गया।
सीधा तैयार होकर बाहर निकला।
उसके बाद मैंने दो अंडे का ऑमलेट बनाया और टोस्ट सेंका।
शेरु के लिए भी ऑमलेट टोस्ट और अपने लिए भी।
ब्रेकफास्ट करने के बाद मैंने बालकनी के गेट बंद कर दिया।
शेरू के लिए दिन का खाना और पानी रखकर मैं ऑफिस के लिए निकल गया।
अप्रत्याशित दिन बन गया था आज का।बॉस के केबिन से निकलते हुए मैं सोच रहा था
.. आज शेरू नहीं उठाता समय से तो क्या होता, मेरा प्रमोशन किसी और को मिल जाता...!
आँखों में आँसू लिए मैं पाँच साल पहले लौट चला था।
जाड़े की सर्द रात थी।एक तरफ माँ हॉस्पिटलाइज्ड थी,दूसरी तरफ बहन की शादी की तैयारी चल रही थी।
पूरे घर की जिम्मेदारी मुझपर ही थी।
तब मेरा नया जॉब लगा था।दुनियादारी की समझ मुझमें उतनी नहीं थी।
अचानक ही एक दिन मुझे बॉस ने अपने केबिन में बुलाकर नौकरी से इस्तीफा देने के लिए कह दिया।
उस दिन जाड़े की सर्द रात थी।कोहरे और धुंध की पट्टी में सबकुछ ढंक गया था.. मेरे आँसू भी।
मैं कोने वाले पार्क की सुनसान बेंच पर बैठकर अपने बुरे कर्म पर रो रहा था, पर मेरे आंसू किसी को नहीं दिख रहे थे।
तभी रोने की आवाज से मेरा ध्यान उस तरफ गया।
सामने एक कुत्ते का बच्चा मुझे देखते हुए रो रहा था ।
जैसे कि ऐसे कह रहा हो कि क्यों रो रहे हो? मैं हूं ना तुम्हारे साथ ।
सफेद फरवाले कुत्ते के पिल्ले को देखकर मेरे अंदर एक मिनट के लिए इंसानियत जाग गई ।
इस ठंड में बिचारा यह छोटा सा पिल्ला यहां क्या कर रहा है? उसकी मां कहां गई होगी ?
मैंने उसे झठ से अपनी गोदी में उठा लिया ।
वह भी सिमटकर मेरे गर्म स्वेटर के आसपास सिमट गया।
मैंने पार्क में काफी देर तक छानबीन किया पर मुझे उसकी मां या और उसके भाई-बहन नहीं दिखाई दिए तो मैं उसे उठाकर घर ले आया।
उसकी मासूमियत ने मुझे इतनी हिम्मत दी कि मैंने तुरंत ही लैपटॉप निकाला और दूसरे कई जगहों पर नौकरी के लिए अप्लाई कर दिया।
दूसरे दिन जब मेरी नींद टूटी तो मेरे फोन पर एक मैसेज था।
एक एक कंपनी में वैकेंसी थी ।उसकी तरफ से मुझे बुलाया गया था।
मैंने तुरंत थी तैयार होकर इंटरव्यू के लिए निकल गया और मेरा सिलेक्शन हो गया।
तब से लेकर आज पाँच वा साल है और आज प्रमोशन भी हो गया।
इन पाँच साल ों में मैंने अपनी बहन की धूमधाम से शादी की और अपनी माँ का इलाज भी कराया।
शेरू.. तुम नहीं जानते कि मुझे बस तुमसे ही प्यार है.. मैं ने उसकी पसंद के चंकी पौप्स खरीदे और घर के लिए चल पड़ा।
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सीमा..
©®
#लेखनी दैनिक कहानी प्रतियोगिता
Mithi . S
18-Sep-2022 04:46 PM
Very nice
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Chirag chirag
17-Sep-2022 06:20 PM
Beautiful
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Priyanka Rani
17-Sep-2022 04:32 PM
Beautiful
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